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पिछली सरकारों में खनन राजस्व केवल 300 करोड़ से लेकर 335 करोड़ रुपये के बीच ही रहता था, जबकि 2024-25 के वित्तीय वर्ष में अब तक 1025 करोड़ रुपये से ज्यादा का राजस्व अर्जित किया गया है और ये जल्द ही 1100 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार करने वाला है। 
पिछली सरकारों में खनन राजस्व केवल 300 करोड़ से लेकर 335 करोड़ रुपये के बीच ही रहता था, जबकि 2024-25 के वित्तीय वर्ष में अब तक 1025 करोड़ रुपये से ज्यादा का राजस्व अर्जित किया गया है और ये जल्द ही 1100 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार करने वाला है। 

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